तकनीकी विनियमन / गुणवत्ता नियंत्रण आदेश

 

वैश्विक स्तर पर प्रशुल्क कम होने से तकनीकी नियमों के रूप में गैर-टैरिफ उपाय व्यापार के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं। भारी विद्युत क्षेत्र का एक बड़ा खंड गैर-विनियमित है और इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, भ्रामक प्रथाओं की रोकथाम; मानव स्वास्थ्य सुरक्षा और संरक्षा; पशु और पादप जीवन और स्वास्थ्य तथा पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अन्य देशों की तुलना में व्यापक नियामक अंतर है;

अतः, गुणवत्ता अंगीकरण के क्षेत्र में देश में विनियामक अंतराल को दूर करने और तकनीकी मानकों को लागू करने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय ने तकनीकी विनियमन को अधिसूचित करने की प्रक्रिया शुरू की है ताकि सुरक्षा, गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और असुरक्षित, घटिया उत्पादों के आयात को विनियमित किया जा सके। इसके अलावा 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को सहायता प्रदान करना, 'दोषरहित-प्रभावरहित' को सुदृढ़ बनाना, उपभोक्ताओं की रक्षा करना और भारतीय विद्युत उपकरण उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाना।

मंत्रालय द्वारा जारी तकनीकी विनियमन/गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों की अद्यतन स्थिति निम्नानुसार है -

a) दिनांक 7 मई, 2015 की भारत का राजपत्र में अधिसूचना के तहत 2500 केवीए, 33 केवी तक आउटडोर टाइप ऑयल इमर्स्ड डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मरों के लिए विद्युत ट्रांसफार्मर (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश (क्यूसीओ)। 
b)कम वोल्टेज स्विचगियर और कंट्रोलगियर के लिए विद्युत उपकरण (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020:

- दिनांक 11 नवंबर, 2020 की राजपत्र अधिसूचना संख्या सा.आ. 4044 (अ) द्वारा अधिसूचित

-आदेश के सुचारू कार्यान्वयन के लिए, बीआईएस और हितधारकों के परामर्श से निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं :

  • ईईक्यूसीओ के कार्यान्वयन की निगरानी और सुव्यवस्थित कार्यान्वयन के लिए तकनीकी समिति का गठन किया गया है।
  • दिशानिर्देश तैयार करने और परीक्षण से संबंधित मुद्दों को हल करने में तेजी लाने के लिए विशिष्ट समूहों का गठन किया गया।
  • तकनीकी समिति की सिफारिश पर सर्किट ब्रेकरों के लिए विद्युत उपकरण (गुणवत्ता नियंत्रण) संशोधन आदेश (चरणबद्ध कार्यान्वयन योजना के साथ) और उत्पाद विशिष्ट दिशानिर्देश 9 मई, 2023 को भारत का राजपत्र में अधिसूचित किए गए।

 


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