दायरा:

1958 में स्थापित हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) इस्पात उद्योग, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, रेलवे आदि को सेवा प्रदान कर रहा है। कंपनी की अधिकृत पूंजी 1000 करोड़ रुपये है और प्रदत्त पूंजी 606.08 करोड़ रुपये है। 30.6.23 की स्थिति के अनुसार, एचईसी में 1153 नियमित कर्मचारी (500 अधिकारी, 28 पर्यवेक्षक, 625 कामगार) और 1623 अनुबंध कामगार हैं।

परिचय:

कंपनी का एक एकीकृत इंजीनियरिंग परिसर धुर्वा, रांची में है। एचईसी तैयारशुदा परियोजनाओं की अवधारणा तैयार करने से लेकर इसके प्रारंभन तक का कार्य करता है। एचईसी ने आधी सदी से अधिक के अपने अनुभव से अपने क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। इसे मुख्यतः लौह और इस्पात उद्योग तथा अन्य मुख्य उद्योगों, यथा- खनन, इस्पात और रणनीतिक क्षेत्रों, जैसे- रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए उपकरण और मशीनरी की डिजाइन और विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।

एचईसी का निवल मूल्य 1992 में पूरी तरह खत्म हो गया और इसका मामला बीआईएफआर में भेज दिया गया। 1996 में बीआईएफआर द्वारा संस्वीकृत पुनरुद्धार योजना सफल नहीं हो सकी और बीआईएफआर ने जुलाई, 2004 में एचईसी को बंद करने का आदेश दिया; एचईसी ने वाइंडिंग अप के फैसले के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में अपील की। इसके बाद, अक्टूबर 2005 में बीआरपीएसई (सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम पुनर्निर्माण बोर्ड) ने एचईसी के पुनरुद्धार की सिफारिश की और मंत्रिमंडल ने दिसंबर, 2005 में पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी।

इसके बाद, वर्ष 2008, 2013, 2014 और 2017 में कैबिनेट की मंजूरी से एचईसी को ऋण/वित्तीय सहायता/भूमि की बिक्री आदि के रूप में कई पुनरुद्धार पैकेज दिए गए। इन सभी प्रयासों के बावजूद, एचईसी के निष्पादन में सुधार नहीं हुआ और यह अभी भी बहुत खराब वित्तीय स्थिति में है।

विनिवेश संबंधी सचिवों के कोर ग्रुप (सीजीडी) की सिफारिशों के अनुसार एचईसी के रणनीतिक विनिवेश का भी प्रयास किया गया। वर्ष 2018 में, एचईसी को परमाणु ऊर्जा विभाग को हस्तांतरित करने का प्रयास किया गया किन्तु इसे कार्यरूप नहीं दिया जा सका क्योंकि परमाणु ऊर्जा विभाग ने यथास्थिति बनाए रखने की सिफारिश की।

फोटो  
special_grade_steel_forgings_for_reactor_pressure_vessels.jpg5cum_hydraulic_shovel.jpgdragline.jpg
coke_pusher.jpgcnc_deep_hole_boring_machine_supplied_to_fgk_kanpur.jpg 

 

अखिल भारतीय उपस्थिति:

एचईसी के सभी विनिर्माण केंद्र झारखंड की राजधानी रांची में स्थित हैं। इसके दो शाखा कार्यालय भी हैं जो दिल्ली और कोलकाता में स्थित हैं।

निष्पापदन आँकड़े: पिछले पांच वर्षों के दौरान वास्तविक और वित्तीय निष्पादन:

(करोड़ रुपए में)

मानदंड2018-192019-202020-212021-222022-23
कारोबार356.21132.68202.76184.6991.43
उत्पादन340.22158.29252.43203.8460.50
निवल लाभ/हानि-93.67-405.37-175.78-256.07-283.58
संचित हानि691.321096.691272.471528.541812.12
निवल मूल्य10.38-400.73-582.25-844.07-1133.39
ऑर्डर बुकिंग*175.081010.461421.44185.64140.31
उत्पादन (मीट्रिक टन)7670585860021798665
क्षमता उपयोग (%)16.0012.2212.523.751.39

*30.6.23 की स्थिति के अनुसार शेष ऑर्डर बुक 1357 करोड़ रुपये है।

उत्पाद और सेवाएं:

एचईसी पूंजीगत और रणनीतिक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाती है। इसके उत्पाद आम तौर पर ग्राहकों की तकनीकी विनिर्देशों के अनुरूप तैयार किए जाते हैं। इसकी आपूर्ति में निम्नलिखित शामिल हैं:-

  • विभिन्न रणनीतिक अनुप्रयोगों के लिए विशेष ग्रेड फोर्जिंग।
  • इलेक्ट्रिक रोप शॉवल और उसके पुर्जे, ड्रैगलाइन उपकरण और पुर्जे
  • इस्पात संयंत्र उपकरण (जैसे बड़े बेल और हॉपर, हॉलो शाफ्ट आदि) के लिए कोक ओवन मशीनें और अन्य पुर्जे।
  • फोर्ज्ड रॉल (फ्लैट उत्पादों के लिए), उच्च क्षमता वाले स्लैग कप
  • खनिज प्रसंस्करण उपकरण, जैसे- जाइरेटरी क्रशर, कोन क्रशर, जॉ क्रशर, हैमर क्रशर, फोर रॉल क्रशर आदि।
  • इस्पात, रेलवे, रक्षा और सामरिक क्षेत्र के लिए विशेष मशीन उपकरण, जैसे- डीप होल बोरिंग मशीन, हैवी ड्यूटी लैथ,रैडियल ड्रिल, रोल ग्राइंडिंग, प्लानिंग और प्लानो मिलिंग मशीन आदि।
  • हैवी ड्यूटी ईओटी क्रेन
  • हैवी कास्टिंग और फोर्जिंग

प्रमुख गतिविधियां:

उपकरण और मशीनरी का डिज़ाइन और निर्माण के लिए

  • पूंजीगत क्षेत्र - खनन, इस्पात और रेलवे, आदि।
  • सामरिक क्षेत्र - रक्षा , परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष अनुसंधान।

वाशरीज के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं का कार्यान्वयन

उपलब्धियाँ:

इस्पात/रक्षा/खनन/रेलवे क्षेत्रों में एचईसी की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नानुसार हैं:

  • इस्पात क्षेत्र को 550 हजार टन से अधिक उपकरणों का निर्माण और आपूर्ति की गई।
  • बोकारो और वाइजैग इस्पात संयंत्र की स्थापना में अहम योगदान ।
  • भिलाई इस्पात संयंत्र के विस्तार हेतु उपकरणों की आपूर्ति ।
  • भारत के लगभग सभी इस्पात संयंत्रों को आपूर्ति की जाती है।
  • 580 से अधिक उत्खनकों (4.6 /5 /10 सीयूएम क्षमता के) की आपूर्ति की गई।
  • 24 सीयूएम ड्रैगलाइन (संख्याः12) की आपूर्ति की गई ।
  • 10 से अधिक हैवी ड्यूटी जाइरेटरी 1500 टीपीएच क्रशर की आपूर्ति की गई।
  • 300 से अधिक संख्या में क्रेनों का निर्माण किया गया।
  • 900 से अधिक मशीन टूल्स की आपूर्ति की गई।
  • एचईसी ने नौसेना अनुप्रयोग के लिए हाई स्ट्रेंथ लो अलॉय स्टील ग्रेड डीएमआर-249 ए और 249 बी को सफलतापूर्वक विकसित किया है।
  • एचईसी ने वीईसीसी (परमाणु ऊर्जा विभाग) के लिए साइक्लोट्रॉन मैग्नेट पोल और संबंधित घटकों का सफलतापूर्वक निर्माण किया।
  • एचईसी ने परमाणु पनडुब्बियों के लिए परमाणु ग्रेड की विशेष फोर्जिंग का सफलतापूर्वक निर्माण किया है।
  • एचईसी द्वारा नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे में भाप इंजनों के लिए स्पेयर पार्ट्स की सफलतापूर्वक आपूर्ति की गई।

अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी: शून्य।

संपर्क करने के लिए नाम और पता

कॉरपोरेट कार्यालय

हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड, प्लांट प्लाजा रोड, धुर्वा, रांची, झारखंड- 834004

फ़ोन: +91 651 2401249/2401176

ई-मेल: corpmktg@hecltd.com

शाखा कार्यालय

हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड, ई-84, मस्जिद मोठ, ग्रेटर कैलाश- III, नई दिल्ली - 110048

फ़ोन: +91 11 29220224/41437422

ई-मेल: hecdelhi@hecltd.com

हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड, 77, पार्क स्ट्रीट, कोलकाता - 700016

फ़ोन: +91 33 22290661/22290661

फैक्स: +91 33 22291509

ई-मेल: heckolkata@hecltd.com

वेबसाइट: https://www.hecltd.com/

बाहरी लिंक